Saturday 31 December 2011

philosophy behind new year

समय का मतलब सिर्फ समय होता है .......यह हम है जो इसे घंटे , मिनट , सेकंड  में बाट कर अपने जीवन को सरल बनाने का प्रयास करते है .......समय को नही पता होता की आप ने कितने साल और घंटे जिए .वो तो सतत निरंतर है जो बस चलना जनता है .....पर हमें सुकून मिलता है जब हम समय का प्रबंधन करके यह जान लेते है कि इस दुनिया में हम कितना समय काट चुके है .हमारे इस प्रयास के शोध से ही आज यह जाना जा सका है कि हम कब तक इस दुनिया में रह चुके है या फिर अभी कितना जीना बाकी है क्यों कि अब हमने औसत आयु को इसी समय प्रबंधन के कारण जान लिया है ..यानि हम नए साल को नही मानते है  बल्कि हम उस समय को मानते है जो हमें इस दुनिया में रहने और न रहने के बीच का अन्तेर बताती है ,और यह उम्मीद करता है यह समय कि जो उसे समझ रहे है  वो आने वाले समय में अपने जीवन का कुछ ऐसा प्रबंधन करेंगे  कि भले ही वो जितने समय रहे पर वो समय पर अपने निशान छोड़ जाये .यही कारण है कि हम एक दुसरे को इस उम्मीद से शुभकामना देते है कि समय के प्रबंधन में हम इस वर्ष कुछ ऐसा करे कि समय का ये ३६५ दिन का कारवां एक मील का पत्थर बन जाये ...तो आइये हम समझे इस समय के दर्शन को इस आने वाले साल में और बन जाये एक मील का पत्थर ..अखिल भारतीय अधिकार संगठन  आप सब के साथ मिल के आने वाले इस वर्ष को मानवता के लिए आदर्श बनाना चाहता है ....आप को समय का ३६५ दिन का उपहार मुबारक हो ..........अखिल भारतीय अधिकार संगठन

Friday 30 December 2011

we...................?????????????????????

मै में रहते ,
लोग जहा पर,
भारत उस को ,
ही कहते है ,
मै-मै  सब ही .
जपते रहते ,
हर दर्द वही ,
अब सहते है ,
देश बाँट कर ,
प्रदेश काट कर ,
सुख की तलाश में ,
रोज भटकते रहते है ,
भाई भतीजा वाद में ,
ढूंढे विकास देश का ,
माँ फिर भी इसको ,
कहते रहते है ,
क्या नही जागोगे ,
अब भी सोने से ,
दूसरो  की बुराई,
और रोने से ,
क्या पाओगे ,
इस तरह जीने से ,
क्या मिलेगा तुमको,
ऐसे जीवन खोने से ,
आओ मिल कर रहते है ,
संघे शक्ति सब कहते है ,
कदम दूर नव वर्ष हमारा ,
मै का दंश न अब सहते है ..................
मै में रहते ,
लोग जहा पर ,
भारत उस को ,
ही कहते है ..............नव वर्ष की पूर्व संध्या पर चिंतन  ...........अखिल भारतीय अधिकार संगठन

Monday 26 December 2011

AIRO

आप बस यही सोचिये कि जीवन में अगर भगवन को मिलने का मन करे तो क्या करेंगे ...सिर्फ एक कम कि हम अपने देश को इतना खुबसूरत बना दे कि भगवन यही पर आ जाये और यह तभी होगा जब हर रत्नों से बढ़ कर अपने मत का प्रयोग करे और इस बार होने वाले विधान सभा चुनाव में एक ऐसे व्यक्ति को जितने का प्रयास करे जो जाति, धर्म , क्षेत्र , पार्टी से ऊपर इस लिए अपने लिए वोट मांगे क्योकि वो देश के लिए कुछ करना चाहता है और वो यह चाहता है कि अगर वह विधयक बनेगा तो कभी कोई पैसा न खायेगा न बर्बाद करेगा ...क्या इस बार आप अपने सभी उमीदवारो से शपथ पत्र मांगेंगे कि पहले लिखित दो कि तुम जन सेवक बन कर रहोगे ना कि हमारे राजा बन कर रहोगे ..अस्पताल के आपात काल कि तरह जब कोई नागरिक आपके दरवाजे पर जायेगा तो बिना किसी समय को गवाए आप उसके लिए काम करेंगे .क्या हम सब इतना साहस कर पाएंगे......क्या आप को लगता है कि उमीदवार और आप दोनों एक ही संविधान से आच्छादित है / मानते है ..अखिल भारतीय अधिकार संगठन आप से अपील करता है कि इस बार जग जाइये ..और भारत में पैदा होने का क़र्ज़ अदा कर दीजिये ..अखिल भारतीय अधिकार संगठन

A Call....

आज जब अन्ना जन लोक पाल बिल के लिए देश को जगाने के लिया तीसरी बार अनशन करने जा रहे है ..तो लखनऊ में भी घमासान चल रहा है .........ऐसा स्थिति में जो लोग अन्ना के साथ दिल से जुड़े है .उन्होंने बिना किसी झगडे फसाद के कल २७ को अन्ना के साथ ही झूले लाल पार्क में अलग अनशन करने का मन बना लिया है .उनका मन न है कि अन्ना ने जिस भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ाई छेड़ रक्खी है .....उसे दूषित करने वालो के साथ अनशन करके अन्ना का आपमान नही किया जा सकता है ........यह बात रखते हुए जन सूचना अधिकार अधिनियम को बनवाने में गंभीर प्रयास करने वाले मुन्ना लाल शुक्ल ने कल झूले लाल पार्क पर अलग मंच पर अनशन करने का मन बना लिया है ......मुन्ना लाल जी को अनशनकारी श्री उमेश शुक्ल, श्री अंकित गोएल , डॉ महिमा देवी , मीनाक्षी सिंह , संदीप कुमार सिंह , रोहिउट पांडे , अतुल कुमार सिंह और गलत दवाओ के वितरण को लेकर इंडिया अगेंस्ट corruption के लिए सर दर्द बन चुके डॉ अलोक चन्तिया भी अलग से बैठने और मुन्ना लाल शुक्ल के भर्ष्टाचार विरोधी अन्ना के समर में सम्मिलित होने में सहमति दे चुके है ..........वैसे मुन्ना लाल शुक्ल से सभी भर्ष्टाचार के किलाफ़ भारतीयों से अपील की है कि झूले लाल पार्क में उनका समर्थन करके अन्ना के साथ मिल कर गलत लोगो कि घुस पैठ को रोकने में सहायता करे .......

Please come for India...

लोग कहते घूम रहे है कि अन्ना आर एस एस के आदमी है और उन्होंने २८ साल पहले गोंडा में ट्रेनिंग ली थी .वो आर एस एस के एजेंट है .....शायद लोग यह भूल रहे है कि किसी के साथ जुड़ने से इस देश में कभी उसके बारे में कुछ नही कहा जा सकता है ..क्यों कि विभीषण तो रावन का भाई था और वो रहा भगवन राम के साथ .......तो क्या एक अच्छे कम के लिए आये विभीषण को इस लिए राम को नही अपनाना चाहिए था क्योकि वो रावन का भाई था और हो सकता है वो राम के खेमे कि भेद को लेने के लिए आया हो ..............क्या हमने विभीषण को कभी रावन का एजेंट कहा ..........यही नही भगवान् कृष्ण तो कंस के भांजे थे और उन्हों ने सच कि स्थापना के लिए जो किया क्या हमने कभी कहा कि कंस के भांजे पर विश्वास कैसे करे या फिर कृष्ण तो कंस का एजेंट है .............हमें सिर्फ यह देखना चाहिए कि जो व्यक्ति काम कर रहा है उसका आशय क्या है .यही निति भी कहती है और यही कानून भी कहता है ..क्या अन्ना सिर्फ पार्टी के है इस लिए कभी भारतीय बन कर इस राष्ट्र के लिए आन्दोलन नही कर सकते .क्या हमारे देश में भारतीय होने का राईट इस लिए खत्म हो जाता है क्योकि एक व्यक्ति पार्टी या धर्म या क्षेत्र से जुड़ा है ....न जाने हम बिना सिर पैर कि बात कब करना बंद करेंगे .....अखिल भारतीय अधिकार संगठन हमेशा से ही यह प्रयास करता रहा है कि लोग अपने अधिकार को जाने और जो भी अधिकार के लिए लड़ रहा हो भले ही वो किसी जाति, धर्म पार्टी का हो ...लेकिन हम ने न जाने नेताओ के अंधी बातो पर कब तक ध्यान देते रहेंगे और सिर्फ देश का बन कर कोई भी काम नही करेंगे .आइये चले अन्ना के साथ वह झा जन लोक पाल आपके जीवन में पारदर्शिता लेन के लिए अन्ना कि हुनकर कि प्रतीक्षा कर रहा है ...............आइये झूले लाल पार्क लखनऊ में एक नया इतिहास लिखनेव के लिए

Friday 9 December 2011

Human Rights day

कल जब सूरज निकलेगा तब हम सब मिलकर दिन भर मानवाधिकार दिवस का गीत गायेंगे पर ये कैसा मानवाधिकार दिवस है कि ७०% जनसँख्या आज भी गाँव में बिजली का मतलब ढूंढ़ रही है............पिने का साफ़ पानी नही है जिसके कारण हजारो बच्चे डायेरिया से मर रहे है.......गरिमा पूर्ण जीवन कि तलाश में कर्ज में द्दुबे किसान आत्महत्या कर रहे है , सरकार के लिए यही काफी है है कि उसने देश नियम, कानूनों का ढेर लगा दिया है पर क्या सिर्फ नियम से किसी के घर कभी दिया जला है.........क्या कोई पढ़ लिख पाया है ..........ऐसे में गरिमा को चौराहों पर बेच कर बच्चे पढने कि उम्र में होटलों और धबो में काम करने को मजबूर है ............छाती में धुध कि कमी हो जाने के कारन माँ अपने धुध मुहे बच्चे को चाय या गरम पानी पिला कर इस देश कि अस्मिता को बचा रही है ..................गरीबी का हालत यह है कि जननी सुरक्षा योजना के नाम प्रसव कि संख्या बढाई जा रही है .पर कोई नही जन ना चाहता कि प्रसव और अस्पताल के बाद उस औरत का क्या हुआ ..............देश कि सरकार कितनी चिंतन शील है यह इसी बात से पता चल जाता है कि उसका मन ना है कि शहर में रहने वाला ३२ रुपये और गाँव में रहने वाल २६ रुपये में खर्चा रोज चला सकता है ये बात और है कि नेता को खुद का भत्ता कम लगता है .क्यों कि वो अलग तरह के आदमी है और उनकी गरिमा कि परिभाषा भी अलग है...संविधान में हम भारत के लोग का मतलब कौन से हम से है ......यह भी बताने वाल कोई नही ..............घरेलु हिंसा अधिनियम बना दिया गया पर औरत को ना जल्दी न्याय मिल रहा है और एक बार शिकायत करने के बाद उसकी हालत सुसराल में और भी ख़राब हो जाती है.....उस पर से पुलिस का तुर्रा यह कि आप कहती है सुसराल वाले बदमास है पर वो तो शरीफ लगते है ..यानि औरत को शोषण करते रहना चाहिए पर अपनी अस्मिता और गरिमा के लिए नही बोलना चाहिए....परिवार नयायालय में judge महोदय ही नदारत है ना हो तो लखनऊ के परिवार नययालाये चले जाइये .................महिला आयोग औरतो को सिर्फ तलाक कि सलाह देता है और अपराधियो को शरीफ बताता है .............यानि औरत भोग्या थी , है और वही बनी रहे ताकि औरत कि समस्या ही ना उठे और सरकार कहे कि देखिये कि हमारे देश में औरत की समस्या ही नही है ............शादी , दहेज़ की समस्या हो ही नही इस लिए सरकार , कोर्ट लिविंग relation को बढ़ा रही है .....औरत अब पूरी तरह उपभोग की तरफ बढाई जा रही है ..........और सब्ज़बाग़ ये दिकाया जा रहा है महिला सशकित्करण हो रहा है ..................आज जिस तरह से जन लोक पाल का विरोध किया जा रहा है उस से यह तो सिद्ध ही है कि देश में पूर्ण रूप से जनता के मानवाधिकार सुरक्षित रखने के लिए कभी सरकार तैयार ही नही है ................भरष्ट चार ने जिस तरह देश में मुह फैलाया है उस से यह साबित है कि अंधेर नगरी चौपाट राजा टके शेर भाजी टके शेर खाजा .................इन सबसे ऊपर देश में हम किसी जाति के हो सकते है , पार्टी के हो सकते है पर हम लोग भारतीय नही हो सकते .......यही कारन है कि आअज तक हम भारत वासी है भारतीय नही................यह अधिकार हम कब पाएंगे ? मानवाधिकार पर अखिल भारतीय अधिकार संगठन सभी से यही appeal करता है कि पहले भारतीय बनिए फिर आप हर गिल मोहल्ले पर मानवाधिकार कि चर्चा करके इस देश में लोकतंत्र कि स्थापना कीजिये ताकि जनता को उसकी गरिमा मिल सके आप सभी को मानवाधिकार दिवस कि बधाई...............
-All Indian Rights Organisation (AIRO)

Wednesday 9 November 2011

AIRO Day

You all are Welcome in our function on AIRO Day (12 Nov 2011) at Jai Sankar Prashad Hall, Rai Umanath Bali Auditorium, Kaisarbagh, Lucknow. function starting Timing is 01:30pm.